Shodashi - An Overview
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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।
The essence of such rituals lies in the purity of intention as well as the depth of devotion. It is far from merely the exterior steps but The interior surrender and prayer that invoke the divine existence of Tripura Sundari.
On walking toward her ancient sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her electrical power improves in depth. Her templed is entered by descending down a darkish slim staircase that has a group of other pilgrims into her cave-llike abode. There are numerous uneven and irregular techniques. The subterranean vault is scorching and humid and nonetheless You will find there's experience of safety and and safety within the dim mild.
ह्रींमन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।
हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।
Shodashi’s mantra helps devotees release earlier grudges, suffering, and negativity. By chanting this mantra, people cultivate forgiveness and emotional release, advertising and marketing comfort and the opportunity to shift ahead with grace and acceptance.
या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते
Consequently, the Shodashi mantra is chanted to generate one far more attractive and hypnotic in everyday life. This mantra can adjust your lifetime in days as this is a really powerful mantra. 1 that has mastered this mantra will become like God Indra in his lifestyle.
करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?
The planet, being a manifestation of Shiva's consciousness, holds The important thing to liberation when one particular realizes this essential unity.
‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में here कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।